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Friday, 3 February 2017

Munnamusic









           3 महीने में कैसे पूरा करें IAS का सपना? 

totadimunna february 4  2017

आप अगर अगले साल सिविल सर्विसेज में शामिल होकर आईएएस बनने का सपना देख रहे हैं तो तैयारी की स्ट्रैटिजी बदलने की जरूरत है। यूपीएससी ने सिविल सर्विसेज के एग्जाम की जो डेट जारी की है, उसमें प्री के बाद मेन्स के लिए तैयारी का टाइम आधा हो गया है।

अब मेन्स की तैयारी के लिए केवल 3 महीने ही मिलेंगे। यूपीएससी ने 2014 में होने वाले एग्जामिनेशन का कैलेंडर जारी कर दिया है। यूपीएससी इस बार सिविल सर्विसेज का प्रीलिम्स एग्जाम अगस्त में कराएगा। वहीं, प्रीलिम्स में सफल कैंडीडेट दिसंबर में मेन्स लिखेंगे। अब तक सिविल सविर्सेज में प्रीलिम्स और मेन्स एग्जाम के बीच में लगभग 6 महीने का टाइम मिलता था। स्टूडेंट्स की ओर से एग्जाम का पूरा शेड्यूल कम करने की डिमांड की जा रही थी।

पहले पूरे प्रॉसेस में लगभग एक साल का टाइम लगता था। रिफॉर्म कमिटीज की ओर से भी एग्जाम शेड्यूल कम करने के लिए सुझाव आए थे। सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे शशांक सिंह कहते हैं कि प्रीलिम्स और मेन्स के बीच में टाइम पीरिएड कम किए जाने से सिलेक्शन प्रॉसेस लगभग 3 महीने पहले पूरा हो सकेगा। सिविल सर्विसेज की तैयारी से जुड़े एक्सपर्ट पवन मिश्रा कहते हैं कि इससे बेहतर होता तो कि यूपीएससी प्रीलिम्स मई में कराता और मेन्स का एग्जाम अगस्त में कराता। इससे प्रॉसेस करीब 3 महीने पहले खत्म किया जा सकता था।

बदलना होगा तैयारी का ट्रेंड फिलहाल नए शेड्यूल के हिसाब से कैंडीडेट्स को अपने तैयारी का पैटर्न बदलना होगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्रीलिम्स के बाद मेन्स की तैयारी की आदत अब भारी पड़ेगी। कैंडीडेट को चाहिए कि मेन्स की तैयारी एक साल पहले से ही शुरू कर दें। उसके साथ ही प्रीलिम्स की भी तैयारी करें। इसका फायदा यह होगा कि प्रीलिम्स और मेन्स के बीच का जो 3 महीने का समय मिलेगा, उसका इस्तेमाल रिवीजन के लिए कर सकेंगे।

प्रीलिम्स को मेन्स से अलग न देखें बदले टाइम शेड्यूल में एग्जाम को रिजल्ट में और रिजल्ट को सक्सेस में बदलना आईएएस टॉपर्स से बेहतर कौन बता सकता है। 2012 में 49वीं रैंक हासिल करने वाले ऋषि गर्ग से जानें प्लानिंग के फंडे:

साथ शुरू करें तैयारी: कैंडीडेट के लिए सबसे जरूरी है कि वह प्रीलिम्स को मेन्स से अलग करके न देखे। उसकी तैयारी भी मेन्स के साथ ही होनी चाहिए। प्रीलिम्स में 2 पेपर होते हैं। एक जरनल स्टडीज का और दूसरा ऐप्टिट्यूड का। जनरल स्टडीज की तैयारी आप अगर विस्तार से करते हैं तो उससे प्रीलिम्स भी कवर हो जाएगा। जब आपका प्रीलिम्स नजदीक आ जाए तो उस समय ऐप्टिट्यूड टेस्ट पर फोकस करें। ऐप्टिट्यूड की मैथ्स और इंग्लिश का नेचर सामान्यता 10वीं के स्टैंडर्ड का होता है। ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करें। क्वांटम, डेटा अनैलेसिस और इंग्लिश पर कमांड प्रैक्टिस से आएगी। पहले पेपर का वह पोर्शन टच करें जिसमें आपकी स्ट्रैंथ है।

जीएस बनेगा डिसाइडिंग फैक्टर: सिविल सर्विसेज का जो नया पैटर्न है उसमें जनरल स्टडीज अब डिसाइडिंग फैक्टर है। मेन्स में जीएस के चार पेपर होने हैं। इसलिए इसकी तैयारी पर खास ध्यान दें। तैयारी करने से पहले पेपर और क्वैश्चन का पैटर्न समझना सबसे जरूरी है। पिछले सालों के क्वैश्चन बैंक से इससे मदद मिल सकती है। क्वैश्चन ओपनियन और एनालसिस से जुड़े पूछे जाते हैं। आप अपना कांसेप्ट क्लियर रखें। एग्जामनर आपके नॉलेज के साथ ही थिंकिंग प्रॉसेस को भी चेक करता है। जनरल स्टडीज का सिलेबस काफी बड़ा है। इसमें एथिक्स, इमोशनल एंटलिजेंस जैसे पार्ट बढ़े हैं।

इसलिए हमें वरायटी ऑफ टॉपिक्स पर फोकस करना होगा। ऐसे में तैयारी केवल बुक बेस्ड नहीं चलेगी। न्यूज पेपर और इंटरनेट से मदद लेनी होगी। करेंट अफेयर्स, वर्ल्ड हिस्ट्री, साइंस और टेक्नोलॉजी के लेटेस्ट ट्रेंड की तैयारी में इसका अधिक फायदा होगा। एकेडमिक रिफार्म कमेटीज की रिपोर्ट भी जरूर देख लें। तीन महीने रिवीजन के : प्रीलिम्स के बाद के तीन महीने नया टॉपिक पढ़ने के बजाय रिवीजन पर किया जाए तो ज्यादा अच्छा है। जो आपका आप्शनल सब्जेक्ट है उसमें बहुत कुछ चेंज होने वाला नहीं है। इसकी तैयारी आपकी पहले से ही होगी। इसलिए इस पर कम और जनरल स्टडीज पर अधिक समय दें। जनरल स्टडीज में जो आपने पहले तैयारी की है उसको लेटेस्ट डिवलपमेंट से लिंक करे उसे कंटमप्ररी बनाने की कोशिश करें। इसके लिए रिव्यूज, करेंट अफेयर्स पर ध्यान दें। सबसे अहम बात है टाइम मैनेजमेंट। 


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3 महीने में कैसे पूरा करें IAS का सपना? आप अगर अगले साल सिविल सर्विसेज में शामिल होकर आईएएस बनने का सपना देख रहे हैं तो तैयारी की स्ट्रैटिजी बदलने की जरूरत है। यूपीएससी ने सिविल सर्विसेज के एग्जाम की जो डेट जारी की है, उसमें प्री के बाद मेन्स के लिए तैयारी का टाइम आधा हो गया है। अब मेन्स की तैयारी के लिए केवल 3 महीने ही मिलेंगे। यूपीएससी ने 2014 में होने वाले एग्जामिनेशन का कैलेंडर जारी कर दिया है। यूपीएससी इस बार सिविल सर्विसेज का प्रीलिम्स एग्जाम अगस्त में कराएगा। वहीं, प्रीलिम्स में सफल कैंडीडेट दिसंबर में मेन्स लिखेंगे। अब तक सिविल सविर्सेज में प्रीलिम्स और मेन्स एग्जाम के बीच में लगभग 6 महीने का टाइम मिलता था। स्टूडेंट्स की ओर से एग्जाम का पूरा शेड्यूल कम करने की डिमांड की जा रही थी। पहले पूरे प्रॉसेस में लगभग एक साल का टाइम लगता था। रिफॉर्म कमिटीज की ओर से भी एग्जाम शेड्यूल कम करने के लिए सुझाव आए थे। सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे शशांक सिंह कहते हैं कि प्रीलिम्स और मेन्स के बीच में टाइम पीरिएड कम किए जाने से सिलेक्शन प्रॉसेस लगभग 3 महीने पहले पूरा हो सकेगा। सिविल सर्विसेज की तैयारी से जुड़े एक्सपर्ट पवन मिश्रा कहते हैं कि इससे बेहतर होता तो कि यूपीएससी प्रीलिम्स मई में कराता और मेन्स का एग्जाम अगस्त में कराता। इससे प्रॉसेस करीब 3 महीने पहले खत्म किया जा सकता था। बदलना होगा तैयारी का ट्रेंड फिलहाल नए शेड्यूल के हिसाब से कैंडीडेट्स को अपने तैयारी का पैटर्न बदलना होगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्रीलिम्स के बाद मेन्स की तैयारी की आदत अब भारी पड़ेगी। कैंडीडेट को चाहिए कि मेन्स की तैयारी एक साल पहले से ही शुरू कर दें। उसके साथ ही प्रीलिम्स की भी तैयारी करें। इसका फायदा यह होगा कि प्रीलिम्स और मेन्स के बीच का जो 3 महीने का समय मिलेगा, उसका इस्तेमाल रिवीजन के लिए कर सकेंगे। प्रीलिम्स को मेन्स से अलग न देखें बदले टाइम शेड्यूल में एग्जाम को रिजल्ट में और रिजल्ट को सक्सेस में बदलना आईएएस टॉपर्स से बेहतर कौन बता सकता है। 2012 में 49वीं रैंक हासिल करने वाले ऋषि गर्ग से जानें प्लानिंग के फंडे: साथ शुरू करें तैयारी: कैंडीडेट के लिए सबसे जरूरी है कि वह प्रीलिम्स को मेन्स से अलग करके न देखे। उसकी तैयारी भी मेन्स के साथ ही होनी चाहिए। प्रीलिम्स में 2 पेपर होते हैं। एक जरनल स्टडीज का और दूसरा ऐप्टिट्यूड का। जनरल स्टडीज की तैयारी आप अगर विस्तार से करते हैं तो उससे प्रीलिम्स भी कवर हो जाएगा। जब आपका प्रीलिम्स नजदीक आ जाए तो उस समय ऐप्टिट्यूड टेस्ट पर फोकस करें। ऐप्टिट्यूड की मैथ्स और इंग्लिश का नेचर सामान्यता 10वीं के स्टैंडर्ड का होता है। ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करें। क्वांटम, डेटा अनैलेसिस और इंग्लिश पर कमांड प्रैक्टिस से आएगी। पहले पेपर का वह पोर्शन टच करें जिसमें आपकी स्ट्रैंथ है। जीएस बनेगा डिसाइडिंग फैक्टर: सिविल सर्विसेज का जो नया पैटर्न है उसमें जनरल स्टडीज अब डिसाइडिंग फैक्टर है। मेन्स में जीएस के चार पेपर होने हैं। इसलिए इसकी तैयारी पर खास ध्यान दें। तैयारी करने से पहले पेपर और क्वैश्चन का पैटर्न समझना सबसे जरूरी है। पिछले सालों के क्वैश्चन बैंक से इससे मदद मिल सकती है। क्वैश्चन ओपनियन और एनालसिस से जुड़े पूछे जाते हैं। आप अपना कांसेप्ट क्लियर रखें। एग्जामनर आपके नॉलेज के साथ ही थिंकिंग प्रॉसेस को भी चेक करता है। जनरल स्टडीज का सिलेबस काफी बड़ा है। इसमें एथिक्स, इमोशनल एंटलिजेंस जैसे पार्ट बढ़े हैं। इसलिए हमें वरायटी ऑफ टॉपिक्स पर फोकस करना होगा। ऐसे में तैयारी केवल बुक बेस्ड नहीं चलेगी। न्यूज पेपर और इंटरनेट से मदद लेनी होगी। करेंट अफेयर्स, वर्ल्ड हिस्ट्री, साइंस और टेक्नोलॉजी के लेटेस्ट ट्रेंड की तैयारी में इसका अधिक फायदा होगा। एकेडमिक रिफार्म कमेटीज की रिपोर्ट भी जरूर देख लें। तीन महीने रिवीजन के : प्रीलिम्स के बाद के तीन महीने नया टॉपिक पढ़ने के बजाय रिवीजन पर किया जाए तो ज्यादा अच्छा है। जो आपका आप्शनल सब्जेक्ट है उसमें बहुत कुछ चेंज होने वाला नहीं है। इसकी तैयारी आपकी पहले से ही होगी। इसलिए इस पर कम और जनरल स्टडीज पर अधिक समय दें। जनरल स्टडीज में जो आपने पहले तैयारी की है उसको लेटेस्ट डिवलपमेंट से लिंक करे उसे कंटमप्ररी बनाने की कोशिश करें। इसके लिए रिव्यूज, करेंट अफेयर्स पर ध्यान दें। सबसे अहम बात है टाइम मैनेजमेंट। Careers Look for alternate careers under different streams. Information? Planet Careers NBT Planet Campus offers you the Live Seminars with the renowned Speakers who are specialized in career counseling. Click here to see the schedule Counselling Are you confused, unclear and feeling disoriented about your career planning? Our counselors are here to assist & guide you in the best way to shape up your future. Click Here FAQs Got a query? Ask your question right here

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